मन भर के तुमपे भीग्ने का मन करता है
हाथों में हाथ लेके तुम संग चलने का मन करता है
और बस अब तुम्हारे ही स्पर्श से मेहेकने का मन करता है
तुम्हारे ही रंग में अब तो रंगने का मन करता है
और फिर तुम में ही मिल जाने का मन करता है
सिर्फ तुम्हे और तुम्हे ही पाने का मन करता है
आगे क्या बोलू में बस इतना समझलो
अब बस तुम्हारी वजह से ही मुझे जीने का मन करता है
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